45 के बाद भी गाते गुनगुनाते रहें, याददाश्त फिट रहेगी
सेहतराग टीम
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है वैसे-वैसे दिमाग की मेमोरी कम होती जाती है। वृद्धावस्था में याद्दाश्त का चला जाना आम बात होती है। मगर अब शोधकर्ताओं ने इसका तोड़ निकाल लिया है। नए शोध से ये बात सामने आई है कि ऐसे लोग जिन्होंने प्रौढ़ अवस्था में अपने शरीर और दिमाग को पूरी तरह सक्रिय रखा उनकी याद्दाश्त बाद के वर्षों में भी सही बनी रही। इस अध्ययन के अनुसार अधेड़ उम्र में शारीरिक और मानसिक रूप से सक्रिय रहने पर बाद की उम्र में स्मृति लोप होने का खतरा घट जाता है।
न्यूरोलोजी जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार मानसिक गतिविधियों में पढ़ना, वाद्ययंत्र बजाना, सामूहिक गायन में हिस्सेदारी करना, विभिन्न कार्यक्रमों में जाना, बागवानी करना, कसीदाकारी संबंधी कार्य, धार्मिक कार्यक्रमों में जाना आदि शामिल हैं।
स्वीडन के गोदनबर्ग विश्वविद्यालय के जेन्ना नजर ने कहा, ‘ये नतीजे संकेत करते हैं कि अधेड़ उम्र की ऐसी शारीरिक और मानसिक गतिविधियां बुढ़ापे में स्मृति लोप को रोकने और संज्ञानात्मक स्वास्थ्य को संरक्षित रखने में भूमिका निभा सकती हैं।’
नजर ने एक बयान में कहा, ‘यह रोमांचक है क्योंकि ये ऐसी गतिविधियां हैं जिन्हें लोग बड़ी आसानी से और बिना ढेर सा पैसा खर्च किये अपने जीवन में शामिल कर सकते हैं।’
स्वीडन में 800 महिलाओं पर यह अध्ययन किया गया जिनकी औसम उम्र 47 थीं।
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